घर में मंदिर की दिशा समझने से पहले एक बात ध्यान में रखे की सिर्फ घर की शोभा बढ़ने के लिए ,अपनी अमीरी या धार्मिकता का प्रदर्शन करने के लिए मंदिर की स्थापना ना करे , पूर्ण भक्तिभाव से और पवित्र मन से और सम्पति का स्वार्थ छोड़कर भगवान् की पूजा करे .घर की ईशान या पूर्व दिशा देवघर के लिए योग्य समजी जाती हे. पूजा करते समय मुँह पूर्व दिशा में हो , इस तरह मंदिर की स्थापना करे. मंदिर की स्थापना करने के बाद देवताओ को फूल चढ़ाये नैवेध रखे और धुप अगरबती करे देवघर, शौचालय या चप्पल रखने की जगह से दूर होना चाहिए. मंदिर में टूटी हुई मूर्ति या फोटो न रखे सबसे जरूरी बात ये हे की कोई मन्नत पूरी होने के लिए या कोई काम पूरा होने की इच्छा से मंदिर की स्थापना न करे. "सबको सुख दो , सबको एकसाथ रखो और मुझे सच्चाई का रास्ता दिखाओ" ऐसी प्राथना सबसे उत्तम होती हे.
Hi, This is Ravi panchal, I am a Astrologer By Passion & profession, & also like Osho's thoughts, Osho rajneesh. Meditation is my best strength. And i learn from that Osho. Astrology is my passion, i am very inspired by spiritual guru Osho.. I like to Read Everyone's Life.
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