कर्क राशि : ज्योतिष की नजर से

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कर्क राशि : ज्योतिष की नजर से 


कर्क राशि, राशिचक्र की चौथी राशि हे , यह स्त्री राशि हे , यह बहुपाद , चर संगण्यक , पाटल वर्ग , मंद स्वर ,और शुभ राशि हे । ये कफ प्रकृति , स्निद्घ , जल तत्व , जलचारी , रात्रि बलि , समोदई , उतर दिशा की स्वामी , ब्राह्मण जाती की और अधिक संतानोत्पतिक राशि हे । इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा हे । चंद्रमा वायु एवं कफ प्रकृति युक्त, बुद्धिमान , गोल शरीर, सुंदर नेत्र, चंचल , कामी और मधुर भाषी हे । इस राशि मे गुरु का उच्च का और मंगल नीच फल का होता हे । गुरु भगयेश एवं शुक्र लाभेष हे । 

इसके प्रभाव से जातक का कद मझला तथा कई हालतों मे छोटा भी होता हे । शरीरी एवं शारीरिक शक्ति कोमल होती हे । पुरुष जातक भी प्राय: महिलाओ की तरह कोमल होते हे एवं महिलाए अधिक कोमल होती हे । कर्क राशि की महिलाए सुंदर होती हे । रंग  साफ , गोरा तथा मुखड़ा गोल होता हे । इनकी चल मस्तानी होती हे और शरीर का ऊपरी भाग कुछ बड़ा और निचला भाग कुछ छोटा होता हे । आयु बढ्ने के साथ साथ जातक मोटे होते जाते हे । और किनही हालात मे तौंद भी निकाल आती हे । चंद्रमा हस्त नक्षत्र का भी स्वामी हे जो हाथो का सूचक हे । अत:  इनका पंजा काफी मजबूत होता हे । इस राशि का प्रभाव छाती , हृदय पर होता हे । ये कुए , बाबड़ी , तालाब , जल प्रदेश की सूचक हे ।

कर्क राशि वाले व्यक्तियों की कल्पना शक्ति बहुत अच्छी होती हे । ये कल्पना मे बहुत दूर दूर की उड़ाने भर आते हे ।इनका चित च्लायमान , परिवर्तनशील एव क्रियाशील होता हे । ये पवित्र आदर्शो पर चलने वाले होते हे । ये अपने मन की बात किसिकों बहुत कण बताते हे । हवाई किले बनाना इनका ही कार्य हे । स्वभाव एवं मानसिक रूप से चंचल होने के कारण दूसरों के साथ एक सा व्यवहार करना इनके वश की बात नहीं होती । यह विवेक शील , स्वतंत्र विचारो के स्वामी तथा अनेक कार्यो मे निपुण होते हे । ये दयालु , परिश्रमी , न्यायशील , तथा परिवर्तनशील होते हे । 

इस राशि की महिलाए परिश्रम करनेवाली , शाशन करने की इच्छा रखने वाली तथा घर बच्चो से अत्यधिक प्रेम करने वाली होती हे । ये चतुर, भावुक, संवेदनशील , विचारशील, जिद्दी तथा क्रियाशील होती हे ।इनमे शारीरिक आकर्षण और मानसिक योग्यता होती हे । कर्क राशि की अधिकांश महिलाए स्वयं ही विधान होती हे । परंतु विधानों से संगनती मिलने पर इन्हे बड़ी संतुष्टि होती हे । कई हालतों मे यह अपनी बुद्धिमता से एस कार्यक्षेत्र  चुनती हे । जिससे मानव जाती आएव्म समाज क अत्यंत लाभ होता हे । 

आर्थिक और व्यवसाय ; कर्क लग्न के जातको की आर्थिकस्थिती अच्छी होती हे । धन बड़ी कठिनाई से जमा होता हे । फिर भी यह लोग धनी होते हे । इनकी चल स्ंपंति से अधिक अचल संपति होती हे । इनको पैतृक संपती भी मिलती हे । घर वाहन युक्त एवं सुख सुविधा भरपूर होता हे । ये अनेक कार्यो मे निपुण हे तथा धन अर्जित करते हे । 

भाग्य खुलने के वर्ष : कर्क राशि एवं लग्न के लिए जातक का भाग्य खुलने के विशेष वर्ष 24 व होता हे । अत: ईङ्का 24-25 वर्ष आयु मे प्राय: भाग्य खुलता हे । 21 से 36 वर्ष आयु का समय व्यापार,, नौकरी , दलाली , कृषि, काला  व्यवसाय के लिए भाग्य खुलने का समय कहा जा सकता हे । और यह वर्ष समृद्धि देने वाले सिद्ध होते हे । जीवन मे 7-17-15-21-24-25-27-28-30-35-36-40-42 वा वर्ष महत्वपूर्ण होगा । इन वर्षो मे गतिविधिया तेज रहेगी ।

शुभ रत्न : कर्क राशि का शुभ रत्न मोती और धातु चाँदी हे। अत: भाग्योंती के लिए 61/4 रति मोती या मून स्टोन चाँदी की अंगूठी मे सोमवार प्रात: दाहिने हाथ की कनिस्का या अनामिका मे धारण करे । मोती अधिक वजन का भी चाँदी की अंगूठी मे धारण किया जा सकता हे ।

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