शनि की ढैया : शनि की ढैया के फल : केसा रहेगा वो ढाई साल ?

 


शनि की ढैया : शनि की ढैया के फल : केसा रहेगा वो ढाई साल ? 

देखिये शनि कर्म के देवता हे , अच्छे माने जाते हे . परन्तु जेसा कर्म वेसा फल. जब शनि चन्द्र से गोचरं में चतुर्थ भाव में आता हे तो ढैया कहलाती हे . ये समय जातक के लिए काफी मुश्किल होता हे. 

यहाँ शनि 2.5 वर्ष रहता हे. इस अवधि में माता , पिता को कष्ट , सेहत की परेशानी , मानसिक चिंता , धन , भूमि का नाश , घर से बाहर , घर में असुख , नौकरी तथा व्यापर में उतार चढाव और ज्यादा हानि होती हे .

जन्म राशी से जब शनि गोचरवश अष्ठम में आता हे तो भी ढैया कहलाती हे . अर्थात शनि की ढैया माना जाता हे, ये 2.5 वर्ष की अवधि में भय , चिंता ,अशुभ घटनाएं ,बीमारी , शारीरिक कष्ट , कार्यो में बाधाये ,पति पत्नी में अन्बन , संतान विद्या में बाधा, धन की हानि , लड़ाई, झगडा आदि होता हे और होने की संभावना होती हे .  shani dhaiya

ये समय में जातक को शनि की स्थिति के अनुसार फल मिलता हे, शनि केसा हे  ? कोनसे नक्षत्र में हे ? किस राशी में हे ? कितने अंश का हे ? ये सब चीजे निर्भर करती हे की ढैया में आपको ये शनि केसा फल देगा . शुभ फल मिलेगा और अशुभ फल मिलेगा . ये उसी पर निर्भर करता हे. 

जिस जातक को ढैया चल रही हो उनके लिए कुछ ख़ास उपाय मेने बताये हे वो ध्यान दे . अगर ये उपाय आप करोगे तो शनि की ढैया से आपको मुक्ति मिलेगी . 

क्या करना हे ? Shani ki dhaiya 

1. पीपल के पेड़ की १०८ परिक्रमा हर शनिवार के दिन करे . 

2. काले घोड़े की नाल का बना छल्ला आप धारण करे . ताकि मानसिक शांति मिल सके . 

३ पीपल के पेड़ के निचे सरसों के तेल का दिया जलाये , हर शनिवार को, 

4 . हनुमान जी की जीतनि हो सके उतनी उपासना करे . 

5. रोज बजरंग बाण का पाठ करे और शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड अवश्य पढ़े .

6. शनिवार के दिन हनुमान जी को तेल और सिन्दुर अर्पित करे . 


क्या नहीं करना हे ? 

1. बुजुर्गो का अपमान , माता पिता का अपमान , स्त्री का अपमान नहीं करना हे . 

2. सट्टे और शराब से दूर रहना हे . 

३. परस्त्री गमन नहीं करना हे . 

4. किसी को व्याज पे पैसा दिया हे तो व्याज नहीं लेना हे . 

5. अपने नोकर / चाकर को कभी भी बेइज्जत मत करे, 

6. किसी साधू या फ़क़ीर का कभी भी मजाक न उडाए . 

7. घर में  इलेक्ट्रिक सामान अगर टुटा फूटा हो तो उसे जल्दी से जल्दी निकाल दे . 


ये सब उपाय करने से आपको शनिदेव की ढैया में नुक्सान नहीं होगा और शनिदेव आप पर प्रसन्न रहेंगे . 

याद रखिये ये कर्म के देवता हे. जेसा कर्म वेसा फल.  shani dhaiya



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