मिथुन लग्न में ग्रहों का महत्व - Mithun lagna

मिथुन लग्न - Mithun lagna 

मिथुन लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति कठिन परिश्रमी होते हैं एवं जीवन के प्रत्येक क्षण को सार्थक करने में लगे रहते हैं ।  दिन-रात परिश्रम करते रहना इनका स्वभाव बन जाता है ।


 ऐसे व्यक्ति लंबे तगड़े  होते हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है । उठा हुआ मस्तिष्क ,  छोटी – छोटी  पैनी आंखें ,  चेहरे पर दाग  या चोट का हल्का सा निशान ,  अनुपात में उठी हुई थोडी  और गहरे श्याम रंग के केस इनके व्यक्तित्व की विशेषता कहीं जा सकती है ।


 यदि मिथुन राशि क्षीण में हो तो जातक  का चेहरा कुछ लंबाई लिए वे होता है अन्यथा  एक अनुपात में चौकोर चेहरा होता है ।


ऐसे व्यक्ति एक साथ कई कार्यों को करने का प्रयत्न करते हैं या एक साथ कई विषयों पर सोचते है ।  जिस क्षेत्र को यह अपनाते हैं उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त करते हैं परंतु इसके साथ एक बात और भी है यह प्रत्येक कार्य को जितने उत्साह से प्रारंभ करते हैं धीरे-धीरे शिथिल पड़ जाते हैं और अंत तक पहुंचते-पहुंचते ऐसा लगता है मानो उस कार्य को नहीं कर रहे हो अपितु उसे घसीट रहे हैं ।  ( mithun lagn ki kundli


ऐसे लोगों को लिखने पढ़ने का विशेष शौक रहता है ।  यह अधिकतर लिखते हैं और बहुत अधिक पढ़ते हैं ।  पढ़ने की भूख इनमें बाल्यावस्था से ही पाई जाती है । 

यदि लग्न को गुरु देख रहा हो  तो लेखन कार्य में ख्याति अर्जित करते हैं परंतु ऐसे व्यक्ति का लेखन किसी एक विषय धारा या विषय पर ना होकर विविध विषयों पर होता है । ( mithun lagna )ऐसे व्यक्ति  जानबूझकर लोगों के झांसे में नहीं आते परंतु भावुकता के कारण इन्हें ठगा जा सकता है परंतु बहुत शीघ्र संभल जाते हैं । 

 इनका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होती है जिसके कारण अनजान व्यक्ति को भी अपने बातों के माध्यम से प्रभावित कर लेते हैं और उससे अपना काम निकलवा लेते हैं । ऐसे व्यक्ति विपरीत लिंग के प्रति गहरा प्रेम रखते हैं । नृत्य , संगीत , वाद्य , हास्य प्रवीण  , मधुर भाषी , शिल्पाज्ञ ,  कवि ,  गणितज्ञ आदि के प्रेमी होते हैं ।


 मिथुन लग्न में ग्रहों का महत्व 

सूर्य आपकी कुंडली में छोटे भाई-बहन एवं पराक्रम के स्वामी होते हैं ।  सूर्य आपकी कुंडली में अकारक ग्रह होते हैं । 


चंद्रमा आपकी कुंडली में धन एवं कुटुम के स्वामी होते हैं ।  चंद्रमा आपकी कुंडली मैं सामान्य  मारकेश होते हैं  परंतु यदि कमजोर या पीड़ित हो जाएं तो धन का नाश भी करते हैं ।

 

मंगल आपकी कुंडली में रोग , शत्रु  , बड़े भाई एवं आमदनी के स्वामी होते हैं ।  मंगल आपकी कुंडली में अकारक ग्रह होते हैं . ( mithun lagn me marak grah )


 बुध आपकी कुंडली में शारीरिक स्वास्थ्य , सौंदर्य , आयु ,  जीवन में उन्नति ,  माता  , भूमि , भवन एवं घरेलू सुख के स्वामी होते हैं ।  बुद्ध आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं । 


गुरु आपकी कुंडली में पत्नी , दैनिक व्यवसाय , पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं ।  गुरु को केंद्राधिपति दोष लगता है अतः गुरु का बलवान होना आवश्यक है । 


शुक्र आपकी कुंडली में विद्या , बुद्धि ,  संतान ,  बाहरी स्थानों से  संपर्क एवं खर्च के स्वामी होते हैं ।  शुक्र आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं । ( mithun lagn ka fal )


शनि  आपकी कुंडली में आयु ,  भाग्य ,  धर्म एवं उच्च शिक्षा के स्वामी होते हैं ।  शनि  आपकी कुंडली में सामान्य अकारक ग्रह होते हैं ।


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