वृश्चिक राशि : vrushik rashi fal 2021 / vrushik rashi ke upaay

 वृश्चिक राशि : vrushik rashi fal 2021 / vrushik rashi ke upaay 

vrushik rashi fal 2021


यह राशी चक्र की आठवी राशी हे . यह स्थिर , स्त्री संज्ञक , स्वच्छ , जलप्रधान ,उतर दिशा की स्वामी ,रात्रि बलि ,बहुपाद, कलात्मक , जलचारी ,समोदयी ,क्रांतिमान शुभ और ब्राह्मण वर्ण की राशी हे . इसका स्वामी ग्रह मंगल ,क्रूर स्वाभाव , क्रोधी एवं मध्यम शरीर वाला , रक्तवर्ण नेत्र ,चपल, उदारस्वाभाव और पित प्रकृति का हे .  vrushik rashi fal इस राशी का सांकेतिक चिन्ह बिच्छू हे . चन्द्रमा इस राशी में नीच का होता हे . इसका प्रभाव गुप्त इन्द्रिय पर होता हे . बिल , खड्डे , उजाड़ प्रदेश इसके सूचिक के . तथा नाग्दोश , बुद्धिमान ,पाप इत्यादि इसके लक्षण हे . इस राशी के लिए चन्द्र भाग्य का स्वामी , बुध आय व् लाभ का स्वामी , तथा गुरु धन का स्वामी ग्रह माना गया हे .

इस राशी के जातक का कद औसत , कई हालातो में छोटा परन्तु सुगठित होता हे . उनका शरीर संतुलित होता हे , इनके पट्ठे मजबूत , लम्बा व् चौड़ा चेहरा  होता हे . इनकी गर्दन , छोटी व् मोटी , पैर , टाँगे कुछ बेढंगे , बाल काले और कई हालातो में घुंघराले भी होते हे . इनका रंग काला , सावला , पिला व घेहुआ , होता हे . ये रौबदार होते हे . तथा इनकी दिख आकर्षक होती हे . इस राशी वालो का व्यक्तित्व प्रभावी होता हे . vrushik rashi fal .

वृश्चिक राशि वाले जातक प्राय: तीक्षण बुद्धि वाले होते हे।  इनका स्वभाव चंचल होता हे।  ये आदर्शवादी होते हे।  ये हठी , जिद्दी , अथवा अपनी धुन के पक्के होते हे। इनकी शक्ति प्रबल एवं मजबूत होती हे।  ये प्रायः जोशीले होते हे तथा इनके विचार स्वंतंत्र होते हे।  इनमे कार्य क्षमता अधिक मात्रा में होती हे।  ये अपनी जिद एवं हाथ पूरा करते हे। तथा दुसरो के समझाने पर भी नहीं समझते।  वृश्चिक राशि फल 2021 ये धैर्य से काम करने वाले होते हे।  परन्तु स्वाभाव कुछ कड़वा होता हे।  इनकी कल्पना शक्ति बहु अच्छी होती हे।  तथा अंतर्ज्ञान प्राप्त होता हे।  ये परिश्रमी आत्मविश्वाशी ,सतर्क ,कटुवक्ता तथा जगडालू होते हे।  इनकी अपनी ही रूचि एवं अरुचि होती हे।  बदला लेने की प्रबल भावना होती हे।  निज स्वार्थ करने के लिए दुसरो का नुक्सान करने भी नहीं चूकते।  ये दुसरो के रहस्य , भेद जानकार लाभ उठाते हे तथा उनको तंग और परेशान भी करते रहते हे।  

इस राशि की स्त्रीया जिद्दी , हठी गंभीर होती हे।   भेद लेकर लाभ लेने में निपुण होती हे।  अपने स्वार्थ के लिए दुसरो का हित नहीं देखती , इनमे उतावलापन अधिक होता हे।  ये किसी के नियंत्रण में रहना पसंद नहीं करती। ये चतुर होती हे परन्तु ये पुरुषो को परखने में कच्ची होती हे। ये अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा समज बैठती हे।  इनको इनके सहयोगी लोग ही अधिक धोखा देते हे। मात्रा अपने लिए खर्चा भी अधिक करती रहती हे।  ये पुरुषो से प्रभावित विशेष ज्ञान शक्ति द्वारा अन्वेषक बन जाती हे। 

आर्थिक स्थिति एवं व्यवसाय : इस राशि की व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति इनके स्वाभाव के ऊपर अधिक निर्भर करती हे।  ये कुछ स्वार्थी होते हे। अत : इनकी आर्थिक स्थिति में बदलाव आता रहता हे।  परन्तु फिर भी इनकी आर्थिक स्थिति उत्तम होती हे। वृश्चिक राशि के उपाय  इन्हे कई बार अकस्मात् धन की भी प्राप्ति हो जाती हे।  यदि ये दिमाग से काम ले तो पूर्ण आयु धनि बनी रहते हे।  

यदि ये व्यक्ति अच्छी विद्या प्राप्त करने में सफल हो जाये तो ये डॉक्टर , सर्जन ,जनरल मेडिसिन ,दन्त चिकित्सक्त , व अस्थिविशेज्ञ ,के रूप में सफल होते हे।  ये रसायन शाष्त्री , सैनिक ,अधिकारी ,अनुसन्धान करता ,इंजीनियर ,होटल मालिक ,नाइ , कसाई ,किसान , कारखाना कर्मचारी , व्यवस्थापक ,राजदूत, जासूस , लघु उद्योग , केमिस्ट ,आदि सेवा में सफल होते हे।  

भाग्य  खुलने के वर्ष : वृश्चिक राशि के व्यक्तियों का भाग्य आयु के २७-२८ वे वर्ष में खुलता हे।  इनका १६ से २२ अथवा 26 से 32 वर्ष की आयु में विवाह सम्भव होता हे।  वृश्चिक राशि के व्यक्तियों के लिए २८ से ४४ वर्ष तक का समय कुछ भाग्यशील लोगो की तक़दीर चमकाने वाला साबित होता हे।  

शुभ रत्न : वृश्चिक राशि का शुभ रत्न मूंगा तथा धातु ताम्बा हे , अत : भाग्योंन्ति के लिए मूंगा सवा चार रति सोने की अंगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा या अनामिका में मंगलवार प्रात: धारण करे।  शुभ रहेगा। 


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