कुंडली का दशम स्थान ( कर्म स्थान ) और व्यवसाय - वैदिक ज्योतिष

 

Kundli me dasham sthaan aur vyasaay.

 कुंडली का दशम स्थान ( कर्म स्थान ) और व्यवसाय

कुंडली का दशम स्थान कर्म स्थान हे । ये स्थान जातक की नौकरी , व्यवसाय , और आजीविका का निर्देश करता हे । अलग अलग ग्रह के अलग अलग व्यवसाय हे जो नीचे दिये गए हे । 

सूर्य : अगर दशम भाव मे सूर्य हो तो , सता , कारभार संभालने वाला , निर्णय लेनेवाला, सरकारी नौकरी, सरकारी नौकरी मे आगे आनेवाला, राजकरणी, धारसभ्य , किसी उच्च होद्दे पर बेठने वाला, प्रधानमंत्री, किसी सोसाइटी का चेरमेन , किसी बड़ी कंपनी का छेरमेन , संचालक, तबीब, सोना चाँदी का बिज़नस करने वाला, जीवन उपयोगी व्यवसाय करने वाला, उन का व्यवसाय करने वाला, होता हे । 

चन्द्र : अगर दशम भाव मे चन्द्र हो तो पारिचारिका, स्त्री रोग के निष्णात ,  स्त्री से जुड़े व्यवसाय, बच्चो का व्यवसाय, प्रजा के साथ संपर्क मे रहनेवाला ,मुसाफरी करने वाला, ट्रावेल का बिज़नस , नौकसेन्य , मच्छी का बिज़नस , खलासी, दूध का बिज़नस , सफ़ेद चिजों का बिज़नस , भोजनालय, रसोई करनेवाला , खाध्य पदार्थो का व्यवसाय करनेवाला, आयात , निकास , जल और प्रवाही से लगते व्यवसाय , कृषि, पशुधन , जमीन की सिंचाई , फेशन आदि के व्यवसाय करते हे ।  राशिफल टूड़े

मंगल : अगर दशम भाव मे मंगल हो तो अग्नि, ऊर्जा, साहसी कार्यो करनेवाला , हथियार के जानकार, हथियार बनाने वाला, पुलिस , लश्कर , सेना के अधिकारी, सेना मे काम करने वाला, इंजीनियर , तबीब , दावा बेचनेवाला, रियल इस्टेट का बिज़नस करने वाला, अगर कुंडली मे मंगल अशुभ हो तो चोरी, लुटफाट , असामाजिक कार्यो करनेवाला, क्रूर और घातकी व्यवसाय करने वाल, कसाई । 

बुध : बौद्धिक व्यवसाय , लेखन , अध्यापन, साहित्यकार, कवि , वक्ता , अनुवादक , पत्रकार, ऑडिटर ,व्यापार, कलर्क , हिसाबनिश ,पुस्तक के प्रकाशक, विक्रेता, तंत्री, ज्योतिषी , और शिक्षण से जुड़े व्यवसाय करनेवाला, खगोल शास्त्री, गणित शास्त्री, धराशास्त्री, पोस्ट ऑफिस मे काम करने वाला, परिवहन, प्रवासी , एजंसी , वकील, रोगो का निदान करने वाला, विक्रेता , ज्ञान तन्तु के तबीब आदि .........

गुरु : अगर दशम भाव मे गुरु हो तो जातक विद्वान , फाइननसियल काम करने वाला, शराफ़ , बैंकिंग का काम करने वाला, इन्कम टेक्स का काम करने वाला, पुजारी , पंडित ,धर्मगुरु, राजसताधीश ,मार्गदर्शक, सलाहकार , न्यायधीश, मानवतावादी , धर्म , दान ,न्याय आदि के व्यवसाय ,ट्रस्ट चलाने वाला, राजयमंत्री , धार्मिक और शैक्षणिक कार्य करने वाला, अध्यापन का काम करनेवाला होता हे । 

शुक्र : अगर दशम भाव मे शुक्र हो तो , आनंद प्रमोद , वैभव, सुंदरता, कला , संगीत, नेतृत्व, मनोरंजन करनेवाला, रमतवीर , होटल , वैभवी वस्तुओ के वेपार करनेवाला, मोज्शोख की चीजे बेचने वाला , फेशन डिज़ाइन , रेशम, कलात्मक वस्तुओ का व्यापार ,शंगार के साधन के श्रुंगार ,शुशोभन , फूल जवेरात ,सुगंधी पदार्थो , साज सजावट की वस्तुओ ,चित्रकला, जरीकाम , फ़र्निचर का व्यवसाय, फिल्मों मे काम , संगीत, सिनेमा, नाटक ,महफिल, शराबखाना, हलवाई, हाथी , गाय और घोड़े जेसे बड़े कद के पशुओ का व्यापार, कार डीलर । 

शनि : अगर दशम भाव मे शनि हो तो , वृद्धो के का, मृत्यु , नौकरी , मजूरी, मेहनत के काम ,अनाज की खेती, मकान लेने बेचने वाला, दलाल ,कोलसे का काम ,क्रूड ऑइल, रसायन, तेल , बिल्डिंग का व्यवसाय ,जमिन , जमीन से जुड़ी चीजों के व्यवसाय, वृद्धाश्रम , लकड़े का व्यवसाय, लोखंड का व्यवसाय, लोखंड की फेक्टरी , मिकेनिकल इंजीन्यरिंग , साधु, स्वामी, हमाल ,आदि ......राशिफल इन हिन्दी

राहू : विचित्र , धुनि, संशोधक, इंजीनियर, फिजिसियन , दवा का बिज़नस, शेर बाजार, सट्टों , रेस , विमान व्यवहार ,विधयुत , हाथ चालाकी का खेल, जादू, दाणचोरी , गूढ काम करने वाला , जादूगर , इमिग्रेस्न , फोटोग्राफी , आदि का व्यवसाय करता हे । 

केतू : धर्म, गुप्त बाते, जहर का व्यवसाय ,अध्यात्म ,साधु आदि का व्यवसाय । 

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