अधिक मास का महत्व : ज्योतिष की नजर से ( Adhik maas )

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 अधिक मास का महत्व : ज्योतिष की नजर से  - कुंडली

अधिक मास को मल मास भी कहा जाता हे । क्यूकी उनके कोई देव नहीं थे और इसलिए वो विष्णु भगवान के पास ये फरियाद लेकर जाते हे की ऐसा क्यू ? तभी विष्णु भगवान इस मल मास को श्री कृष्ण के पास लेकर जाते हे और इसका निवारण बताते हे । आइए जानते हे केसे मल मास पुरुषोतम मास बना ।

 भारतीय धर्मशास्त्र मे हर तीन साल के बाद आनेवाले अधिक मास को पवित्र कहा गया हे । इस महीने मे जप, तप , पुजा, अर्चना दान, हवन , द्वारा यथाशक्ति ईश्वर का स्मरण करने का विधान हे । पुण्य कर्म का अच्छा फल देनेवाला ये अधिक मास हे । इस मास मे व्रत, जप , तप ले साथ साथ भगवान पुरुषोतम की भक्ति का नियम और विधान , संयम और पवित्रता से पालन करने को कहा जाता हे । 

भागवत पुराण के अनुसार इस मास मे करनेवाले सभी पुण्य कर्मो का फल ज्यादा मिलता हे । पुरुषोतम मास मे भागवत कथा सुनने का भी बड़ा महत्व हे । राधेश्याम जी की पूजा, दान अर्चना का भी बहुत ही बड़ा महत्व हे । ॐ नमो भग्वते वासुदेवाय के मंत्र का सतत जाप और गुरु प्रदत मंत्र करने का अनुष्ठान भी इसी मास मे बहुत ही बड़ा महत्व हे । 

इस मास मे विष्णुशश्त्र्नाम ,पुरुषसूक्त , श्रीसूक्त , हरिवंशपुराण , और एकादशी के महात्म्य के कथन से ही सब मनोरथ पूर्ण हो जाते हे । विष्णु जी की पूजा अर्चना करने से हमारे सब कार्य अच्छी तरह सफल हो जाते हे । अधिक मास मे हमे जाप, तप , दान जरूर करना चाहिए । हो सके तो ॐ नमो भग्वते वासुदेवाय मंत्र की एक माला का जाप करने का भी बड़ा महत्व हे । उसकी एक कहानी हे । 

एक दिन जिसका कोई देव या गुरु नहीं होता और जिसकी कोई संक्रांति नहीं होती एस मल मास वैकुठ लोक मे भगवान विष्णु के शरण मे गया और जो तकलीफ थी उसके निवारण के लिए भगवान विष्णु से मदद मांग ली । तब श्री विष्णु ने कहा हे वत्स । शांतिसे गौलोक मे बेठे भगवान श्री कृष्ण सर्व दुखो का नाश करने वाले और सभी का कल्याण करनेवाले देव हे । उनकी शरण मे जाने से संसार के सभी पाप नष्ट हो जाते हे और शांत हो जाते हे । इसलिए मे तुजे उनके शरण मे ले जाऊंगा । जहा तेरे सभी दुखो का निवारण हो जाएगा । 

Rahu ke upaay 


ये मल मास और विष्णु भगवान ने मिलके श्री कृष्ण की स्तुति की और मल मास की व्यथा सुनके परभू श्री कृष्ण बोले हे प्रभु , भगवंत, आप जब मल मास को मेरे शरण मे लाये हो तो  अभी और इसी वक्त हे मे इस मास का स्वामी हु । आप तो जानते हो के जिसका कोई नहीं उसका मे हु । और वेसे भी लोग मुजे पुरुषोतम नाम से भी जानते हे । इसलिए ये मास आजसे पुरुषोतम नाम से जाना जाएगा । 

पुरुषोतम मास मे जो भी कोई जप तप दान व्रत करेगे उसको उसका ज्यादा फल मिलेगा । इस मास मे भगवान श्रीक़ृष्ण की उपासना करना बहुत ही शुभ हे । अखंड ज्योत जलाके इस मास मे ॐ श्री कृष्णाय नम: के सवा लाख जाप करने से यज्ञ जितना फल प्राप्त होता हे । 

मलमास में क्या नहीं करना चाहिए?


इस लिए इस मास मे हो सके उतनी पूजा , अर्चना करनी चाहिए । जितना हो सके उतना भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री विष्णु का नाम लेना चाहिए । हर 3 साल के बाद ये मोका आता हे । तो क्यू न इस मोके को अवसर मे पलट दिया जाये ।  Today rashifal in hindi.

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । ॐ कृष्णाय नम: । ॐ पुरुषोतमाय नम:

मलमास २०२१



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