गुरु का गोचर फल भाव 7 तो 12 - Astrology in hindi

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गुरु का गोचर फल भाव 7 तो 12- Astrology in hindi

सप्तम भाव : जन्म राशि में जब बृहस्पति सप्तम भाव में भ्रमण करता हे तो अपनी स्त्री से सुख प्राप्त होता हे सवारी सुख मिलता हे सरकार की और से लाभ एवं सहायता  मिलती हे , पुत्र आदि से सुख प्राप्त होता हे , सम्बन्धियों एवं रिश्तेदारों से लाभ एवं सहायता मिलती हे , किसी सुबह कार्य के लिए यात्रा होती हे , विवाह एवं मांगलिक कार्य होते हे , धन लाभ होता हे और विरोधी शांत रहते हे , धन की गति बढ़ती हे और लाभ होता हे .

अष्ठम भाव : गोचरवश बृहस्पति जब अष्ठम भाव में आता हे , तो कोई असुखद घटना घटित होने की आशंका रहती हे , धन, व्यापर , में हानि  होती हे ,नौकरी छूटने तक की नौबत आ जाती हे , राज्य की और से कष्ट होता हे , पुत्रादिको से विरोध करता हे , अपने ही देश में लम्बी यात्राएं कष्टकारी रहती हे ,कठोर वचन बोलने के कारण जातक तिरस्कार को प्राप्त करता हे , स्वास्थय पक्ष से परेशानी होती हे , शारीरिक कष्ट बढ़ जाता हे , कान्ति की होती हे ,बंधन, शोक , रोग ,और चोरी का भय रहता हे , धन नाश होता हे.


नवम भाव : जन्म राशि से जब बृहस्पति नवम भाव में संचार करता हे तो भाग्योदय होता हे , भाग्य में विशेष उन्नति होती हे , राज्य में मान और नौकरी में पदोन्ति होती हे , धन में वृद्धि होती हे , पुत्र जन्म का उत्सव होता हे और पुत्र की भी वृद्धि होती हे , प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती हे ,भाइयो से सुख, सहायता प्राप्त होती हे ,कामकाज में बहुत सुधार आता हे , पद प्राप्त होता हे , यात्रा द्वारा लाभ होता हे ,बुजुर्गो से सहायता, लाभ और आशीर्वाद प्राप्त होता हे , धर्म के कार्यो में रूचि  बढ़ती हे. Astrology in hindi .


दशम भाव : जन्म राशि में जब गुरु दशम भाव भ्रमण करता हे तो दुःख और कष्ट देता हे , संतान को पीड़ा होती हे और व्यवसाय में परेशानी रहती हे ,धन की चिंता रहती हे , घर से बाहर रहना पड़ता हे , दीनता की प्राप्ति होती हे ,मान - हानि तक की समभावना बनी रहती हे ,धन की हानि होती हे और प्रगति रुक जाती हे , स्वास्थय पक्ष भी कमजोर रहता हे , बुजुर्गो के स्वास्थय को लेकर भी परेशानी होती हे.


एकादश भाव : जब गुरु जन्म राशि से एकादश भाव में संचार करता हे तो मान-सम्मान और सुख समृद्धि देता हे , धन और प्रतिष्ठा की वृद्धि होती हे , समस्त कार्यो में सफलता मिलती हे , नौकरी में पदोन्ति और वाणिजय व्यापर में वृद्धि होती हे , उत्तम सुख की प्राप्ति होती हे , पुत्रो से राज्याधिकारियों से सुख मिलता हे ,शुभ कार्यो में रूचि बढ़ती हे , विवाह अथवा पुत्र जन्म का अवसर आता हे , वैभव विलास के पदार्थ प्राप्त होते हे , मनोकामना पूर्ण होती हे , स्वास्थय अच्छा रहता हे ,प्रेमी मिलन होता हे , शत्रुओ की पराजय होती हे .hindi jyotish.


द्वादश भाव : जन्म राशि से गुरु गोचरवश जब बारवे भाव में आता हे तो व्यय में अत्यनधिक वृद्धि करता हे , पुत्रादि से अलग होना पड़ता हे , यात्रा में कष्ट और धन व्यय होता हे ,हर समय चिंता लगी रहती हे , मानसिक परेशानी होती हे , पत्नी का स्वास्थय बिगड़ जाता हे , द्रव्य सम्बन्धी दुःख होता हे , भय का वातावरण रहता हे , विश्वाशपात्र व्यक्ति से भी कलंक लगते हे , सदाचार में कमी आ जाती हे , व्यक्ति व्यर्थ का जूठा उपदेश देता फिरता हे , गुजरा हुआ समय याद करता रहता हे.


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