केसा जीवनसाथी मीलना चाहिए ?

केसा जीवनसाथी मीलना चाहिए ?

केसा जीवनसाथी मीलना चाहिए ?

कुन्डलीमे सबसे ऊपर स्थित चतुस्थकोण में लिखे हुए अंक को जन्मलग्न कहते हे , ये जन्मलग्न की राशि के आधार पर केसा जीवनसाथी प्राप्त होता हे उसकी संक्षित माहिती आज हम देखेंगे .

मेष लग्न : मेष लग्न वाले जातक आवेशमय और लागनीशील होते हे , परन्तु खुदके मन का ही करने वाले हठीले होते हे और वो जीवनसाथी के तौर पर ऐसे ही होते हे , कईबार जल्दी शादी करके बहुत पसताते हे उनका ये निर्णय उनको बहुत ही बुरी समस्या में डाल सकता हे , कुछ तरीको से उनको सुन्दर और अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती हे .


वृषभ लग्न : वृषभ लग्न वाले जातक के सप्तम स्थान में वृश्चिक राशि होती हे , जो कभी कभी जीवनसाथी को बिमारी और मृत्यु का भय देते हे , अगर ऐसा न हो तो भी जीवनसाथी लश्कर के नौसेनामे कार्यरत होता हे और जीवनसाथी से वियोग की स्तिथि बनती हे , कभी कभी ईर्षालु जीवनसाथी की प्राप्ति भी होती हे .

मिथुन लग्न : सप्तमस्थान में धनु राशि होती हे , जो दो संबंध , दो लगाव या दो लग्न्का निर्देश करते हे , किसी विदेशी व्यक्ति के साथ लग्न होने की आशंका रहती हे , विद्धान और सुशिक्षित जीवनसाथी की प्राप्ति होती हे , जीवनसाथी के साथ मतभेद रहता हे फिरभी लग्नसंसार चल जाता हे. 


कर्क लग्न : कर्क लग्न वाले जातक वफादार , लागनीशील , और समर्पित जीवनसाथी की भूमिका निभाते हे , जीवनसाथी एक माता की तरह दूसरे जीवनसाथी का ध्यान रखता हे , लग्नजीवनमे मतभेद और विखवाद की घटना होने की सम्भावना रहती हे , जीवनसाथी में ऊष्मा का अभाव, आलस, और उदनसिंता देखि जा सकती हे.

सिंह लग्न : सिंह लग्न वाले जातक उदार स्वाभाव और उष्माभर ह्रदय वाले होते हे , लेकिन फिरभी लग्नजीवन में दुखी रहते हे , मेह्नतु और कंजूस स्वभाव वाले जीवनसाथी की प्राप्ति होती हे , लग्नजीवन मंद और उष्माविहीन रेहनेकी संभावना रहती हे , कभी कभी ऐसे लोगो की दो शादी के योग भी बनते हे. 



कन्या लग्न : सप्तम भाव में मीन राशि होने की वजह से विजातीय पात्र के सम्बन्ध में चिंता और ग़लतफहमी का सामना करना पड़ सकता हे उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति होती हे , कभी कभी किसी अन्य विजातीय व्यक्ति के साथ प्रेम सम्बन्ध में बंध जाते हे , शायद ही जल्दी शादी करते हे.

तुला लग्न : तुला लग्न वाले जातक शांत और सरल प्रकृति के होते हे , सामान्य तरीके से सुखी लग्नजीवन जीते हे , कभी कभी ग़ुस्सेवाले जीवनसाथी की प्राप्ति होती हे , और उनके लगाव में ज्यादा कमी नजर आती हे , फिर भी कुछ भी करके लग्न जीवन टिकने की सम्भावना ज्यादा रहती हे .


वृश्चिक लग्न: वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले लोगों में गहरी और तीव्र भावनाएं होती हैं। अक्सर जीवनसाथी  सुंदर, अच्छी दिखने वाली और घर-परिवार की देखभाल करने वाले मिलते हैं। लेकिन भले ही जातक शादी के लिए समर्पित हो, वह अक्सर ईर्ष्या करता है और अपने जीवनसाथी की गलतियों को जल्दी से माफ नहीं कर सकता है.


धनु लग्न : धनु लग्न वाले जातको की एक से ज्यादा सम्बन्ध या दो शादी होने की सम्भावना रहती हे , गर्म दिल होने के बावजूद, उनकी भावनाएं बदल सकती हैं। अक्सर सहानुभूति या समझ की कमी होती है। जीवनसाथी बेहतर हो जाता है। लेकिन जातक जीवनसाथी के प्रति स्वामित्व की भावना रखने वाले होते हे .

मकर लग्न : मकर लग्न वाले जातक घर और परिवार के लिए नहीं होते , वे सामाजिक कारणों से या व्यावसायिक महत्वाकांक्षाओं के लिए शादी करते हैं। घर-परिवार की तुलना में उनके लिए व्यवसाय हमेशा अधिक महत्वपूर्ण होता है। जीवनसाथी बीमार, मिजाजी , और चंचल हो ऐसा प्राप्त होने की सम्भावना रहती हे. 



कुंभ लग्न: कुम्भ लग्न से जन्म लेने वाले लोग एक अपरंपरागत और रूमानी स्वभाव के होते हैं। एक बार जीवन में बसने के बाद, यह एक भावनात्मक और ईमानदार साथी साबित होता है। उन्हें एक ऐसा साथी मिल सकता है जो गर्व, गुस्से और प्रभुत्व में हो। कभी-कभी विवाह से असंतोष होता है.

मीन लग्न: मीन लग्न में एक से अधिक संबंध या एक से अधिक विवाह होने की संभावना होती है। एक उत्कृष्ट, व्यावहारिक, शिक्षित और व्यवसाय करने वाला साथी प्राप्त होता है। तकरार और विवाद दोनों के बीच होते रहते हैं.

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