जिस व्यक्ति का मेष लग्न होगा ,उसकी जन्म कुंडली में 12 वे भाव में मीन राशि होगी , इस तरह लग्न राशि वाले व्यक्ति ने पिछले जन्म में सदैव लोभ , लालच को प्राथमिकता दी तथा इसकी पूर्ति के पीछे ही भागता रहा , अब इस जन्म में वह सब कुछ लौटाना होगा वह लोगो की सेवा करेगा और उन पर निर्भर अर्थात आश्रित रहना पड़ेगा .
वृषभ :
जब वृषभ लग्न होगा तो निश्चित रूप से 12 वे भाव में मेष राशि होगी ऐसे व्यक्ति ने पूर्व जन्म में दुसरो के प्रति घटिया और नीच व्यवहार किया , अब इस जन्म में इसका फल तो अवश्य मिलेगा , वह दुखो कष्टों एवं मुसीबतो प्रति सवेंदन शील रहेगा .
मिथुन ;
मिथुन राशि को लग्न का 12 वा भाव वृषभ राशि में पड़ता हे ऐसा व्यक्ति पिछले जन्म में कंजूस और लालची था और वह धन ,सम्पति जमा करने में लगा रहा ,इस जन्म में वह दिमागी अर्थात बौद्धिक कार्यो की और अधिक अग्रसर रहेगा और भौतिक अर्थात सम्मति आदि की और कम ध्यान देगा .
कर्क :
कर्क लग्न की कुंडली में 12 वे भाव में मिथुन राशि होगी अत: पिछले जन्म में ऐसे व्यक्ति का सामाजिक जीवन में योगदान लगभग शून्य के बराबर ही रहा हे अत: इस जन्म में वे सामाजिक जीवन में योगदान पाने और सभी की और मातृवत व्यवहार करेगा .
(hindi astrology )
सिंह ;
सिंह लग्न के लिए 12 वे भाव में कर्क राशि होगी ,पिछले जन्म में ऐसा व्यक्ति अपने गृहस्थ अथवा घरेलु जीवन में लापरवाह , गैर जिम्मेदार , बेवफा और अविश्सनीय था और इस जीवन में वह स्वयं इसी क्षेत्र में दुःख उठाएगा और गृहस्थ व् घरेलु जीवन चिंताजनक रहेगा परन्तु आर्थिक हालात बढ़िया रहेंगे .
कन्या :
कन्या लग्न के लिए 12 वे भाव में सिन्हा राशि होगी , पिछले जन्म में ऐसा व्यक्ति लोगो अथवा अन्य व्यक्तिओ को हानि एवं गति पंहुचा कर स्वयं भौतिक सुखो की पूर्ति करता रहा और अब इन्ही लोगो की सेवा करनी पड़ेगी .
तुला :
यदि तुला लग्न होगा तो 12 वे भाव में कन्या राशि होगी अत: ऐसा व्यक्ति पूर्व जन्म में दुसरो की व्यर्थ की आलोचना एवं दोष निकालने में लगा रहा और अपना हल्कापन दिखाता रहा अब इस जन्म में इसको स्वयं आलोचना का शिकार होना पड़ेगा और वह किसी चीज को विस्तारपूर्वक जान्ने को महत्व ही नहीं होगा और दुःख उठाएगा.
वृश्चिक :
यदि लग्न वृश्चिक होगा तो 12 वे भाव राशि होगी पूर्व जन्म में ऐसा व्यक्ति भौतिक सुखो की संतुष्टि की और ही लगा रहा और अब जन्म में लोग इसे गलत ही समझते रहेंगे और इसे सही जीवन के अर्थ जान्ने के लिए परिश्रम व् संघर्ष करना पड़ेगा .
धनु :
धनु लग्न की जन्म कुंडली में 12 वे भाव में वृश्चिक राशि में होगा अत: पूर्व जन्म में ऐसा व्यक्ति अपनी विधा एवं ज्ञान बाटने में कंजूसी करता रहा अब इस जन्म में लोगो को ऐसा करने के लिए प्रेरित करता देखा जाएगा .
मकर :
मकर लग्न की जन्म कुंडली में 12 भाव में धनु राशि होगी अत: पिछले जन्म में ऐसे व्यक्ति ने अपनी दार्शनिक एवं रूहानी विधा और सिद्धांतो से किसी का कोई भला नहीं किया , इसलिए इस जन्म में इसके पास दार्शनिक एवं रूहानी ज्ञानशक्ति की कमी रहेगी और वह भौतिक पदार्थो की प्राप्ति की और अधिक ध्यान देगा .
कुम्भ :
यदि कुम्भ लग्न होगा तो 12 वे भाव में मकर राशि होगी पूर्व जन्म में ऐसा व्यक्ति बहुत महत्वाकांक्षी था और यह दुसरो को पैरो में रौंदकर लक्ष्य प्राप्ति करता रहा और इस जन्म में इसकी इच्छापूर्ति या महत्वाकांक्षा कोई विशेष महत्व नहीं रखेगी .
मीन ;
जन्म कुंडली में मीन लग्न होने से 12 वे भाव में कुम्भ राशि होगी , पूर्व जन्म में यह व्यक्ति लोगो को मुर्ख बनाने एवं देखा देने में ही समय बर्बाद करता रहा और अपनी जिम्मेदारी व् काम से जी चुराता रहा और अब इस जन्म में ऊंट आएगा पहाड़ तले , ऐसे व्यक्ति को दुसरो की सेवा करनी पड़ेगी और आश्रित रहना होगा .
Hi, This is Ravi panchal, I am a Astrologer By Passion & profession, & also like Osho's thoughts, Osho rajneesh. Meditation is my best strength. And i learn from that Osho. Astrology is my passion, i am very inspired by spiritual guru Osho.. I like to Read Everyone's Life.
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