सिंह लग्न में उत्पन्न जातको की विशेषताएं - Sinha lagna

File:Navamsa calculator by using pata of nakshatra - English ...

सिंह लग्न में उत्पन्न जातको की विशेषताएं( sinha lagna )

सिंह लग्न अथवा सिंह राशि में जन्मे जातक माध्यम कद तथा सुगठित शरीर वाले होते हे . ये हुष्ट पुष्ट होते हे इनकी अस्थिया मजबूत होती हे ,तथा मस्तक चौड़ा होता हे . इनका व्यक्तित्व शानदार तथा प्रभावोत्पादक होता हे . इनके चेहरे से तेज टपकता हे . परन्तु इन्हे उदार सम्बन्धी रोग होने की सम्भावना होती हे साथ ही ये दंतरोगी भी होते हे . ऐसे जातक महत्वकांक्षी होते हे ये हठी एवं जिद्दी होते हे . साधारणत: इन्हे क्रोध  कम आता हे .परन्तु क्रोध आने पर इनका आवेश शांत होना कठिन हो जाता हे .इनकी शैली व्यंगात्मक होती हे .जो कभी कभी सामने वाले के ह्रदय पर ठेस पहुंचाने वाली होती हे.

Sinha lagna 

ऐसे जातक अनुशाशन प्रिय होते हे ,इनमे आत्मविश्वास की भावना अधिक होती हे . इसलिए ये अपनी वेगवती भावनाओ शीघ्र ही नियंत्रण एवं संतुलन कर लेते हे. स्थिर एवं दृढ राशि होने से सिंह लग्न के जातको के विचार दृढ होते हे तथा इनमे नेतृत्व की शक्ति अधिक होती हे . इसीलिए ये जातक प्रशासन कुशल होते हे ,जहा भी ये व्यसायिक कार्य में सलग्न होते हे. वही अपनी नेतृत्वशक्ति के कारण उच्च अथवा शाशक पद ग्रहण कर लेते हे. दल कार्य में सदैव दल पति बन जाते हे ,अपनी प्रतिमा के कारण ही ये सम्मान के पात्र होते हे ,ऐसे जातक धन संग्रह नहीं कर पाते .

राजनीती इन जातको की विशेषता हे . अत: इस प्रकार के जातक ,उच्च नेता , मंत्री अथवा सांसद बन जाते हे.ये अपने उच्चाधिकारियों व् वरिष्ठ व्यक्तिओ के प्रति कृतग्न रहते हे . धार्मिक कार्यो में ये कट्टर नहीं होते , बल्कि मध्यममार्गी होते हे ,ये शक्की मिजाज तथा कानो के कच्चे होते हे .

Sinha lagna 

सामान्यता सिंह लग्न के जातको के एक ही पुत्र होता हे ,जो कुलदीपक होता हे. , ये माता पिता के दुलारे तथा अनेक मित्रयुक्त होते हे ,इन्हे भ्रमण में अधिक रूचि होती हे ,ये विशाल ह्रदय तथा उदारमना होते हे ,
छत्रपति शिवाजी ,राजीव गांधी , लोकमान्य तिलक ,डॉ शंकरदयाल शर्मा ,डॉ करणसिंह आदि की कुण्डलिया सिंह लग्न की ही हे .


विभिन्न भावो में राशिया ; सिंह लग्न की कुंडली में लग्न में सिंह राशि होने से द्वितीय भाव में कन्या राशि , तृतीय में तुला , चतुर्थ में वृश्चिक ,पंचम में धनु ,षष्ठ में मकर , सप्तम में कुम्भ , अष्ठम में मीन , नवम में मेष , दशम में वृषभ , एकादश में मिथुन तथा द्वादश में कर्क राशि होती हे .

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ