घर बनाने के लिए श्रेष्ठ जगह कोन सी ? - Hindi astrology

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घर बनाने के लिए श्रेष्ठ जगह कोन सी ?(hindi astrology)

घर बनाने के लिए जगह योग्य हे या है नहीं ? ये जानने के लिए वास्तुशास्त्र में एक सरल उपाय बताया गया हे. जमीन के जिस टुकड़े पर घर तैयार करना हे , उसके ठीक बीचमे  एक फुट का गढ्डा बनाये , इसे पूरी तरह पानी से भर दे. चौबीस घंटे बाद पानी की स्थिति देखे, यदि पानी जरा भी कम नहीं हुआ या थोड़ा हुआ हो तो यह जगह घर बनाने के लिए योग्य हे. ( Hindi astrology )


यदि खड्डे में पानी बचा हे और आधा पानी जमीन में समां गया हे तो भी इस जगह पर घर बना सकते हे. परंतु यदि पूरा पानी समां गया हो या पानी से जमीन में दरार बन जाए तो ऐसी जगह पर घर ना बनाये इसे अशुभ माना जाता हे. घर के मालिक को अनेक प्रकार से मानसिक और शारीरिक हानि भी हो सकती हे. इसलिए ऐसी अशुभ जमीन कभी न ले.



घर में प्रवेश समय :hindi astrology

नए घर में प्रवेश करते समय घर की वास्तुशांति करानी चाहिए, वास्तुशांति खुद के हाथो से होना आवयशक हे. जमीन का आकर काटकोण , चौकोन होना लाभदायक : जमीन खरीदते समय जमीन का आकर देखना जरुरी हे. चौरस जमीं सबसे अच्छी मानी जाती हे. अगर जमीं त्रिकोण में हे तो आदमी कोर्ट - कचहरी के चक्कर में फंसा रहता हे , ईशान्य कोने  जमीन 90 अंश से कम हो तो उसे उत्तम माना जाता हे , और समृद्धि की दृष्टि से लाभ होता हे.


जमीन का आकार नेऋत्य कोने में 90 अंश से काम हो तो राक्षशी अनुभव होते हे. अग्नि दिशा का कोना 90 अंश से कम हो तो बुरे ख्याल आते हे. गोल आकार की जमीन मालिक को अस्थिरता देती हे. पंचकोने वाली जमीन अच्छी नहीं होती, कुछ तो दुःख के अनुभव होते हे.


काटकोण आकार की जमीन लाभदायक होती हे. ऐसी जमीन सुख, सम्पंती और मन की शांति देती हे , समलंब , चौकोन और व्याघ्रमुखी जमीन बहुत कष्टदायी होती हे , गौमुखी जमीं मध्यम प्रकार की समजी जाती हे.  थोड़ा समय अच्छा जाता हे. जमीन खरीदते समय इन सब बातो को ध्यान जरूर रखे.

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