राहु एक अनोखा ग्रह - जानिये ज्योतिष की नजर से - Rahu Ek Anokha Grah - Janiye jyotish ki najar se.






राहु एक अनोखा ग्रह - जानिये ज्योतिष की नजर से 

राहु भारतीय मिथक में एक दैत्य है जिसे ग्रहों की पंचमहादशा में शास्त्रों में वर्णित किया गया है। राहु और केतु दोनों ही शरीर में नहीं होते हैं, बल्कि यह केवल एक सर्प की शक्ति होती है। इन्हें सर्प देवता शेषनाग का भी पुत्र माना जाता है। Rahu in first house 


राहु की कथा में कहा जाता है कि वे देवों और दैत्यों के मध्य समझौता करने के लिए उत्पन्न हुए थे। क्योंकि राहु और केतु दोनों एक ही वंश के अंग हैं, इसलिए देवता और दैत्य दोनों इनकी पुजा करते थे। लेकिन राहु अपनी भक्ति के साथ दुर्व्यवहार करने लगे और यज्ञों में उनकी प्रविष्टि की अनुमति नहीं थी। Rahu in jyotish 


एक दिन देवताओं का अमृत पीने का महोत्सव चल रहा था। राहु ने योजना बनाई कि वे भी अमृत पीजेंगे और देवताओं की अस्तित्व को खत्म करेंगे। राहु ने विष्णु भगवान के रूप में अपनी पहचान छिपाई और अमृत पीने के लिए देवताओं के पास पहुंच गए। चंद्रमा और सूर्य ने उनकी पहचान नहीं की और अमृत की कन्फर्मेशन हो गई।Rahu ke upaay 


जब राहु अमृत पीने के लिए बांधने लगे, तो चंद्रमा और सूर्य ने भगवान विष्णु को सूचित किया। विष्णु ने अपना चक्र उठाया और राहु को काट दिया। राहु का सिर और शरीर अलग हो गए, इसलिए वे दो अलग ग्रह बन गए - राहु और केतु। यही कारण है कि राहु और केतु ग्रहों को निर्दिष्ट किया गया है और वे ग्रहों की पंचमहादशा के रूप में मान्यता प्राप्त करते हैं। Rahu ke liye kya kare 


राहु को ग्रहों का एक महत्वपूर्ण स्थान मिला है। ज्योतिष में, राहु को चंद्रमा के विरुद्ध माना जाता है और कुछ लोगों के जीवन पर उनका प्रभाव असाधारण माना जाता है। विभिन्न प्रश्नों के जवाब और समस्याओं के समाधान के लिए ज्योतिष शास्त्र में राहु की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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