अंक ज्योतिष - Numerology

Satan Number Beast - Free image on Pixabay

अंक ज्योतिष


मूलांक : मूलांक व्यक्ति का दिनांक होता हे , यदि यह दो अंको में हो तो उसे जोड़ कर जो संख्या आती हे वही मूलांक कहलाता हे .

1 , 10 ,19 ,28  तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 1 होगा.
2, 11, 20, 29 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 2 होगा .
3, 12, 21, 30 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 3 होगा .
4, 13, 22, 31  तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 4 होगा .
5, 14, 23 तारीख को जन्मे व्यक्ति  मूल अंक 5 होगा .
6 ,15, 24 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 6 होगा .
7 ,16, 25 तारीख को जन्मे व्यक्ति का  मूल अंक 7 होगा .
8 ,17, 26 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 8 होगा .
9 ,18, 27 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूल अंक 9 होगा .

भाग्यांक कैसे प्राप्त करे ? 

उदहारण के लिए किसी की जन्म तारीख 04 03 1964 हे तो मूल अंक 4 होगा एवं भाग्यांक 9 ( 4+3+1+1+9+6+4 = 27) ( 2+7 = 9 ) होगा .

नाम का सयुंतांक कैसे प्राप्त करे ?
जैसे किसी का नाम नरेंद्रकुमार टेलर हे तो नाम का सयुंतांक इस प्रकार निकला जाएगा.

N A R E N D R A = 5 1 2 5 5 4 2 1
K U M A R = 2 6 4 1 2
T A I L O R = 4 1 1 3 7 2
( 5 + 1 + 2 + 5 + 5 + 4  +  2 + 1  + 2 + 6 + 4 + 1 + 2  + 4 + 1 + 1 + 3 + 7 + 2 ) = 13 = 1 + 3 = 4 नाम का सयुंतांक 4 होगा .

जन्मतिथि के मूलांक , भाग्यांक और नाम के सयुंतांक के सामंजस्य से ही घरेलु जीवन के सुख , व्यावसायिक उन्नति , प्रशाशनिक योग्यता आदि के संबंध में जाना जा सकता हे.

ग्रहो के अंक

सूर्य ग्रह : अंक 1 का प्रतिनिधित्व सूर्य करता हे , इनके प्रभाव क्षेत्र में पैदा हुए जातक कुलीन, रईश , ख्यातिप्राप्त , अधिकारी , डॉक्टर , आदि बनते हे ,यदि मूल्यांक  सूर्य का और भाग्यांक शनि अथवा शुक्र का हो तो ऐसे लोग दुर्घटना के शिकार होते हे .

चन्द्रमा के अंक : अंक 2 का प्रतिनिधीत्व चन्द्रमा करता हे , ऐसे लोग शांत ,विनम्र , विचारशील , गुणी और विलक्षण होते हे , इनमे शरीर की अपेक्षा मानसिक बल अधिक होता हे , 2 अंक वालो से अच्छी बनती हे , इन्हे जल्दी क्रोध आ जाता हे , और कभी कभी आवशयकता से अधिक कठोर बन जाते हे .

गुरु का अंक : गुरु अंक 3 का प्रतिनिधित्व हे , इसमें शुभ प्रभाव में होने पर जातक नीतिज्ञ, क्षमाशील, सुखी , व्यहारकुशल , प्रसन्नचित , लेखक , अध्यापक , वकील , साहित्य , तथा  ज्योतिष प्रेमी , संपादक , सलाहकार, मंत्री ,राजपुरोहित, आदि बनते हे , अशुभ प्रभाव होने पर नाक , कान , गले की बीमारी ,सूजन, चर्बी जनित रोग ,तथा मोटापे की शिकायत रहती हे.

राहु का अंक : अंक 4 का प्रतिनिधित्व राहु करता हे , ऐसे अंक के शुभ प्रभाव में जातको का भाग्योदय अचानक होता हे , अशुभ प्रभाव होने पर अथक परिश्रम करने पर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती .

बुध का अंक : बुध को अंक 5 का प्रतिनिधि माना गया हे , बुध के शुभ प्रभाव में होने पर जातक कूटनीतिक, वकील , उच्च स्तरीय लेखक , प्रतिभाशाली , बुद्धिजीवी , गणितज्ञ , ज्योतिषी ,व्यापारी आदि होते हे , इसका अशुभ प्रभाव स्नायु, स्वास, वाणीदोष , सिरदर्द , दमा , तपेदिक आदि रोगो का कारण बनता हे .

शुक्र का अंक : अंक 6 को शुक्र का प्रतिनिधि माना गया हे , बलवान शुक्र वाला जातक धनि ,व्यापारी , वाहनयुक्त , रूपवान, जौहरी , कलाकार ,तांत्रिक ,ज्योतिषी बनता हे , सांसारिक सुखो का कारक शुक्र को माना गया हे , शुक्र के अशुभ होने पर जातक मधुमेह ,गुप्त रोग ,आदि से ग्रस्त होता हे , उसका विवाह - विछेद हो जाता हे , या वह प्रेम में असफल होता हे .

केतु का अंक : केतु को अंक 7 का स्वामी माना गया हे , इस अंक के शुभ प्रभाव में जातक अपनी कल्पना एवं  विचार शक्ति से मुश्किल से मुश्किल कार्य भी कर लेता हे , लेकिन ऐसे जातक धन संग्रह बहुत कठिनाईओ से कर पाते हे .

शनि का अंक : अंक 8 शनि का प्रतिनिधित्व करता हे , इससे रोग ,शत्रु , जीवन , आयु , मृत्यु , अथवा विनाश के कारणों ,दुखो एवं अभावो का विचार किया जाता हे ,शनि के शुभ स्तिथि में होने पर जातक की आयु लम्बी और इच्छा शक्ति मजबूत होती हे , वह ऐश्वर्यवान तथा ख्यातिलब्ध होता हे , और उसका जीवन स्थिर होता हे .

मंगल का अंक : मंगल को अंक 9 का प्रतिनिधि माना गया हे , ऐसे अंक के शुभ प्रभाव वाले जातक जमीन - जायदाद वाले, भाईओ का सुख प्राप्त करने वाले , नेतृत्व प्राप्त करने के अभिलाषी ,सेना - पुलिस से सम्बंधित , इंजीनियर , डॉक्टर , एवं ख्याति प्राप्त खेलो से सम्बंधित होते हे , अशुभ प्रभाव में होने पर जातक कुकर्मी ,अपराधी , एवम धोखा देने वाले होते हे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ