रोग के ज्योतिष उपचार - Astrology in hindi

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रोग के ज्योतिष उपचार - Astrology in hindi.

किसी सामान्य एवं विशेष रोग के लिए मेडिकल उपचार अवशय ले और साथ ही उपाय भी करे तो लाभ मिलेगा .

ब्लड प्रेशर : के लिए पन्ना सोने की अंगूठी में मध्यमा अंगुली में धारण करे अथवा पन्ना 5 रति मध्यमा में और पुखराज 5 रति सोने की अंगूठी में तर्जनी धारण करे या 6 1 /4  रति मून स्टोन चांदी की अंगूठी में सोमवार अनामिका अंगुली में धारण करे .


मधुमेह : इससे सुरक्षित रहने के लिए एक रति हिरे को सोने की अंगूठी में , अनामिका अंगुली में धारण करे या सात रति के सफ़ेद मूंगे और  पांच रति के नीलम के साथ सोने की अंगूठी में मध्यमा में धारण करे .


दमा : दमा के रोगी को पन्ना 6 रति का और 5 रति चन्द्रकान्तमणि धारण करनी चाहिए या चन्द्रकान्तमणि 5 रति और नीलम 4 रति धारण करना चाहिए , दमें से पीढ़ी स्त्रियों को 10 से 12 रति मोती मध्यमा और तर्जनी में और पुरुषो को अनामिका में धारण करना चाहिए .


सिरदर्द : 6 रति पन्ना सोने की अंगूठी में दाए हाथ के बिच वाली अंगूठी में धारण करे , इसे अनामिका में भी धारण कर सकते हे. प्रत्येक भाव से क्या विचार आता हे ? भाव 7 -12


दांत दर्द : स्टील का छल्ला अथवा अंगूठी दाए हाथ की दूसरी अंगुली में धारण करने से लाभ होता हे या पंच धातु की लोहे की अंगूठी , छल्ला या पंच धातु की अंगूठी में नीलम जड़कर अनामिका अंगुली में धारण करे.


पथरी : गुर्दे की पथरी एव्वं दर्द हेतु दाने फिरंग धारण करने से तुरंत लाभ मिलता हे , दाने फिरंग को घिस कर गुर्दे वाले स्थान पर लगाने से और गुलाब जल से मिलाकर पिने से तुरंत लाभ होता हे.


दिल के दौरे के बचाव् हेतु : दिल के दौरे के बचाव के लिए 7 1 /2 रति मूंगा + पीला पुखराज 5 रति सोने की अंगूठी में दाए हाथ की दूसरी अंगुली में धारण करने से शक्ति मिलती हे .


दुर्घटना बचाव : दुर्घटना से बचाव के लिए मूंगा अथवा मून स्टोन या मूंगा + पुखराज धारण करे
जिगर रोग : सुनहरा या नीलम नीला चार रति सोने की अंगूठी में या सुनहरा नीलम और मूंगा अनामिका अंगुली में धारण करे .


बवासीर : बवासीर के लिए मूंगा और नीलम तर्जनी अंगुली में पहने .


चक्षु रोग : यदि नजर कमजोर हो तो पन्ना और लाल मूंगा पहनना चाहिए ,अंगूठी को अनामिका अंगुली में धारण करे.

                                   विशेष उपाय - Astrology in hindi

1 .  रीढ़ की हड्डी , कमर , टांगो में दर्द हेतु सोने का टुकड़ा धारण करे या अपने पास रखे.
2 .  मधुमेह , मूत्र विकार , जोड़ो के दर्द के लिए पैरो के दोनों अंगूठो में चांदी का छल्ला धारण किया जाए या सफ़ेद रेशम के धागे दोनों अंगूठो में सोमवार प्रात: बाँध लिए जाए , ऐसा करने से तुरंत लाभ होता हे .
3 .  यदि किसी तरह भी बीमारी न जाती हो तो मरीज के वजन के बराबर जौ दरिया में डाले .
4 .  यदि घर से बीमारी न जाती हो और खर्चा हो रहा हो तो परिवार के सदस्यों से कुछ अधिक संख्या में मीठी रोटियां ( शक्कर डालकर ) पका कर बाहर खाने के लिए कुतो को दे .
5 .  नजर की कमजोरी विशेषकर बच्चो की नजर की कमजोरी के लिए पांच या सात बादाम छिलके समेत और एक नारियल सूखे दरिया में डाले , ऐसा लगातार 43 दिन करे .
6 .  भयानक त्वचा  रोग के लिए 43 शुक्रवार सफ़ेद चरी एक किलो श्मशान भूमी में डाले , दही आदि किसी गरीब , मांगने वाले या कोढ़ी को दान करे .
7 . यदि घर से बीमारी दूर न होती हो और एक बाद दूसरा बीमार हो जाता हो तो घर के सभी सदस्य और आप अतिथियों की औसनत गिनती से कुछ अधिक मीठी रोटियां ( शक्कर डालकर ) छोटी छोटी , तंदूर में पका कर ( लोहा न लगे ) हर मास ( 30 दिन के अंतर पर ) अधिक से अधिक एक बार बाहर जानवरो गाय ,कुत्ता , कौओ आदि को डाले . 


Hindi astrology. शनि साढ़ेसाती के उपाय

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