
मंगल के सामने मंगल न हो तो क्या करे ? मतलब लड़के को मंगल और लड़की को नहीं तो क्या करे ?
ये एक बहुत बड़ी समस्या हे , एक कुंडली मांगलिक हे और दूसरी नहीं हे , लड़का और लड़की एक दूसरे को पसंद करते हे पर कुंडली नहीं मिलती ये मंगल बिच में आ जाता हे तो क्या करे ? अगर शादी होने के बाद पता चले के लड़की को मंगल हे पर लड़के को नहीं तब ?
ये सब समस्या का उपाय हे , कन्या का कुम्भविवाह करवा दो तो समस्या हल हो जायेगी , इस विवाह में कुम्भ को विष्णु का स्वरूप माना जाता हे. और जो कन्या का भगवान् के साथ विवाह हो जाए तो वो अखंड सौभाग्य वती मानी जाती हे .
और उसको पति की मृत्यु , बिमारी का डर नहीं लगता , साथमे कुन्डलीमे बैठे सभी ख़राब दुर्योग इस उपाय से नाश हो जाते हे .
अगर लड़का और लड़की की शादी नहीं हो रही तभी भी ये उपाय कारगत होता हे , अगर लड़का जो कुम्भविवाह करे तो उसका विवाह लक्ष्मी जी के साथ करवाया जाता हे , लक्ष्मी जी अखंड सौभाग्यवती कहलाती हे ऐसा करने से पत्नी को बिमारी नहीं होती और अपमृत्यु और अकालमृत्यु का भय भी नहीं रहता .
मंगल जब गोचरवश जन्म राशि से चतुर्थ भाव मे आता हे तो शत्रु का भाय रहता हे । जातक शत्रु से परेशान रहता हे । चतुर्थ स्थान सुख का स्थान होता हे तो माता को लेकर परेशानी रहती हे ।
मंगल दोष के लिए कुंडली का पूरा अध्ययन करना चाहिए । जेसे की अगर चन्द्र कुंडली मे मंगल नहीं हे तो लग्न कुंडली और नवमाष कुंडली का भी अध्ययन करना चाहिए, ऐसा नहीं हे की सिर्फ लग्न कुंडली देख ली और उसमे मंगल नहीं हे तो आप मांगलिक नहीं हो । चन्द्र कुंडली और नव्माश कुंडली भी देखनी चाहिए । तभी जाके मंगल का निवारण आता हे ।
मंगल भूमि पुत्र हे मंगल ग्रह को खुश करने के लिए हमेशा बहार जाते वक्त धरती को छूके जाये । जब भी आप लड़का या लड़की देखने जाए हो तो तभी ये कार्य करना चाहिए । बहुत अच्छा फल मिलेगा । मंगल से डरने की कोई जरूरत नहीं हे । कुंडली मे अगर उच्च का मंगल हो तो दुश्मनों का नाश होता हे । ऐसा जातक सेनापति या तो किसी मिलिट्री का अफसर होता हे । लेकिन ये सब चिजे कुंडली मे अन्य ग्रहो को देखकर ही बताई जा सकती हे ।
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